दिल्ली में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी यानि अरविंद केजरीवाल की वापसी हो गई है। आम आदमी पार्टी एक बार फिर से क्लीन स्वीप करते हुए बंपर जीत दर्ज करने जा रही है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को इकाई के आंकड़े पर समेत कर रख दिया है। केजरीवाल का जीत का दावा सही साबित हुआ जबकि बीजेपी के दावे खोखले ही निकले। ये तीन कारण हैं जिनसे बीजेपी दिल्ली का चुनाव हार गई।
विधान सभा में बीजेपी की जीत का पहला कारण है स्थानीय और बुनियादी मुद्दों से हटकर राष्ट्रीय मुद्दों पर फोकस करना। बीजेपी ने दिल्लीवालों की बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य की ज़रूरतों पर ध्यान नहीं दिया और राष्ट्रीय मुद्दों को तवज्जो दी जिस वजह से उसे लोगों का साथ नहीं मिला।
बीजेपी की हार के पीछे दूसरी वजह ये रही कि वो सीएम केजरीवाल की तरह कोई चेहरा सामने नहीं ला सकी।बीजेपी ने सीएम पद कोई चेहरा लोगों को नहीं दिया। बस यही बीजेपी चूक गई, केजरीवाल के सामने होने से लोगों ने साफतौर से उन्हें वोट दिया जबकि बीजेपी फिसड्डी साबित हुई।
गरिकता क़ानून और एनआरसी का डर भी बीजेपी की हार की वजह बना। नागरिकता कानून के विरोध के कारण, अल्पसंख्यक वोट बीजेपी से दूर हो गए और उन्होंने एकमुश्कत आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट किया। बीजेपी ने शाहीन बाग का मुद्दा उठाया भी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।